फुर्सत के इंतजार मे.........
किसी ख्याल का जेहन मे अनवरत बहना,
उमडते जज्बात सीने मे ज्वार से उठने लगे,
दूर किनारे की तलाश मे लहरों का चलते जाना,
क्षीतिज मिल जाये धरा से उस ओर बढते जाना।
आवारापन बादलों पर जब छा जाये,
हवा का रूख बदलता रहे दिशाओं मे,
सूरज की तपीश ,शोलो सी बरसती रही,
पेड की छांव मे वक्त भी पनाह मांगे।
ऐसे मौसम मे शाम का ढलना,
रात की चादर मे चांद का आना,
तेरे आंगन मे जूगनूओं की रोशनी हो,
कपोलों से बुंदो का लुढक जाना।
बेबसी का शुन्य मे संताप,
जैसे बेमौसम हो रही हो बरसात,
कुछ पल शकून के गुजारने हैं,
इंतजार है कि फुर्सत की हवा चले।

